Not known Details About Shiv chaisa
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जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्त धाम शिवपुर में पावे॥
जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥
पुत्र हीन कर इच्छा कोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥
अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥
भजन: शिव शंकर को जिसने पूजा उसका ही उद्धार हुआ
मंत्र महिषासुरमर्दिनि स्तोत्रम् - अयि गिरिनन्दिनि
नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।
हनुमान चालीसा लिरिक्स
दिल्ली के प्रसिद्ध more info हनुमान बालाजी मंदिर
योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। नारद शारद शीश नवावैं॥
जो कोई जांचे सो फल पाहीं ॥ अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी ।
क्षमहु नाथ अब चूक हमारी ॥ शंकर हो संकट के नाशन ।
अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण ॥